रात भर सराफे बाजार में रहती है हलचल -11-6-16

इंदौर जहा लोग खाने के शौक़ीन है रात दस के बाद जमती है महफिल भोर पांच बजे तक



रात भर सराफे बाजार में रहती है हलचल
इंदौर एक खुबसूरत शहर इस शहर को होलकर वंश ने बसाया था इसे सवारा था अहिल्याबाई होलकर ने यह शहर देश में अलग किस्म का है | यहाँ के लोग आज भी अपने को मालवा से जोड़कर देखते है मालवा संस्कृति में जहा यह शहर मेहमान नवाजी में आगे है वही पर यहाँ के लोग खाने के बड़े शौक़ीन है |

 इस शहर में एक ख़ास जगह है जिसे सराफा बाजार बोलते है , सचिन जी से इस बाजार की मैंने खूब चर्चा सुनी मन में कौतुहल था देखना है वो अपने परिवार के साथ उस बाजार में ले गये मुझे जब मैं उस गली के अन्दर पहुचा तो रात के करीब 10 बज रहे थे |


 और मेला जैसी भीड़ मुझे नजर आई सचिन बताने लगे हमारा शहर खाने और स्वाद का बड़ा शौक़ीन है मैंने वह पाया की सराफे के दुकाने बंद है और वहा पर पारम्परिक जैसे दही बड़ा ,भुट्टे का किस, गरॉडू जो मालवा में ही मिलता है ,साबुड़ने की खिचड़ी, चाट ,गोलगप्पे,मावाकीजलेबी, मालपुआ गुलाबजमुन आदि ख़ास तौर पर भुट्टे और साबूदाने की खिचड़ी का मैंने जबरदस्त आनन्द लिया | 
आभार सचिन जी आपका |